Sarzameen Movie Review: बेटे और देश के बीच फंसी एक माँ की कहानी जीत लेगी आप का दिल

Sarzameen Movie Review: सरज़मीन एक देशभक्ति पर आधारित फिल्म है जिसे डायरेक्ट किया है कयोज़े ईरानी ने। यह फिल्म 2025 में रिलीज़ हुई है और इसे धर्मा प्रोडक्शन्स और स्टार स्टूडियोज़ ने मिलकर बनाया है। इस फिल्म में काजोल, पृथ्वीराज सुकुमारन और इब्राहिम अली खान मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म में एक आर्मी ऑफिसर के परिवार की कहानी दिखाई गई है, जो अपने बेटे को खो देता है… और फिर वही बेटा आतंकवाद से जुड़ा हुआ वापस आता है। कहानी में भावनाएं, संघर्ष और देशभक्ति के साथ-साथ एक गहरा पारिवारिक जुड़ाव देखने को मिलता है।

Sarzameen कहानी क्या है?

कहानी एक आर्मी अफसर कर्नल विजय मेनन (पृथ्वीराज सुकुमारन) की है, जो बहुत सख्त और अनुशासित हैं। उनका बेटा हरमन (इब्राहिम अली खान) बचपन से ही थोड़ा कमजोर और डरपोक स्वभाव का होता है। एक दिन अचानक हरमन लापता हो जाता है। परिवार के लिए यह बहुत बड़ा झटका होता है। कई सालों बाद जब वह वापस आता है, तो सब चौंक जाते हैं क्योंकि वह अब एक बदला हुआ इंसान बन चुका है।

उसके व्यवहार, बातों और रूप-रंग में बहुत फर्क होता है। यहां तक कि उसे शक की नजर से देखा जाने लगता है कि क्या वो वाकई उनका बेटा है या कोई और? क्या वो किसी मिशन पर है? या वह किसी साजिश का हिस्सा है? फिल्म इन्हीं सवालों के जवाब खोजने की कोशिश करती है।

Sarzameen फिल्म की अच्छी बातें

  • पृथ्वीराज सुकुमारन का अभिनय बहुत दमदार है। वो एक पिता की मजबूरी और गुस्से को बहुत सच्चाई से निभाते हैं।
  • काजोल ने एक माँ की भूमिका निभाई है जो अपने बेटे के लिए परेशान है। उनका रोल बहुत भावुक और असरदार है। उन्होंने कई दृश्यों में दर्शकों की आंखें नम कर दी हैं।
  • फिल्म में देशभक्ति और परिवार के बीच का संघर्ष बहुत अच्छे तरीके से दिखाया गया है। यह दिखाता है कि एक सैनिक का दिल भी एक पिता का दिल होता है।
  • कश्मीर की वादियाँ, बर्फ से ढके पहाड़ और सुंदर लोकेशन फिल्म को एक दृश्यात्मक खूबसूरती देते हैं। कैमरा वर्क बहुत शानदार है।
  • फिल्म की बैकग्राउंड म्यूजिक और गाने भावनाओं को गहराई से महसूस करने में मदद करते हैं।

Sarzameen फिल्म की कमज़ोरियाँ

  • कहानी थोड़ी कमजोर है और कुछ दृश्य बहुत लंबे लगते हैं, जिनसे फिल्म की गति धीमी हो जाती है।
  • फिल्म में कुछ ट्विस्ट ऐसे हैं जो जबरदस्ती डाले गए लगते हैं और कहानी को उलझा देते हैं।
  • इब्राहिम अली खान का अभिनय ठीक-ठाक है। एक्शन सीन में वो ठीक लगते हैं लेकिन भावनात्मक सीन में थोड़े कमजोर दिखते हैं। उन्हें और अभ्यास की जरूरत है।
  • फिल्म में सेना की कार्यप्रणाली और सुरक्षा जैसे कुछ हिस्से असली नहीं लगते, जिससे यथार्थता पर सवाल उठते हैं।

 

 (Conclusion)

सरज़मीन एक अच्छी सोच के साथ बनाई गई फिल्म है जिसमें देशभक्ति, परिवार और इमोशन तीनों चीजें मौजूद हैं। यह फिल्म दिखाती है कि जब एक सैनिक देश की रक्षा करता है तो उसके अपने घर में भी कई लड़ाइयाँ चल रही होती हैं। हालांकि फिल्म की कहानी में थोड़ी कमी है, लेकिन अच्छे अभिनय और भावनात्मक दृश्यों की वजह से फिल्म एक बार देखने लायक बन जाती है।

अगर आपको देशभक्ति पर आधारित इमोशनल ड्रामा पसंद है और आप एक परिवार की जद्दोजहद को समझना चाहते हैं, तो यह फिल्म ज़रूर देखें। यह फिल्म दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि अगर देश है तो परिवार है, और अगर परिवार है तो देश है।

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